बैंक के नियमों में हुआ बड़ा बदलाव, पैसे निकालने और जमा करने पर देना होगा ये डॉक्युमेंट, वरना नहीं मिलेगा कैश!
बैंक के नियमों में हुआ बड़ा बदलाव, पैसे निकालने और जमा करने पर देना होगा ये डॉक्युमेंट, वरना नहीं मि
नई दिल्ली। अगर आप एक वित्त वर्ष में अपने खाते से 20 लाख रुपये निकालते या जमा करते हैं या फिर कोई चालू खाता खुलवाते हैं तो आपको पैन नंबर या आधार नंबर देना होगा। सरकार ने इसे अनिवार्य बना दिया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि स्थायी खाता संख्या (PAN) या आधार नंबर देना अनिवार्य होगा यदि कोई व्यक्ति एक वित्त वर्ष के दौरान हाई वैल्यू डिपॉजिट या निकासी करता है या फिर किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में करेंट अकाउंट या कैश क्रेडिट अकाउंट खुलवाता है।
CBDT के इस कदम पर एकेएम ग्लोबल टैक्स पार्टनर संदीप सहगल ने कहा कि इससे वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता आएगी। बैंक, पोस्ट ऑफिस और सहकारी सोसायटीज को एक वित्त वर्ष में किसी व्यक्ति द्वारा किए जाने वाले 20 लाख रुपये या इससे अधिक राशि के लेनदेन की रिपोर्ट करनी होगी। सहगल ने कहा, 'इसके अलावा, डिपॉजिट या विथड्रॉल के लिए पैन या आधार लेने से सरकार को इस बात की जानकारी होगी कि सिसटम में कैश कहां जा रहा है। कुल मिलाकर इससे संदिग्ध कैश डिपॉजिट और निकासी की प्रक्रिया पर लगाम कसने में मदद मिलेगी। पहले से ही आयकर अधिनियम की धारा 194एन के तहत टीडीएस का प्रावधान है।'
किसी भी विशेष फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन के लिए एसेसी को आयकर विभाग के साथ अपना पैन साझा करना होता है। हालांकि, ऐसी परिस्थितियां हो सकती हैं जहां कोई व्यक्ति हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन कर रहा हो, जैसे कि विदेशी मुद्रा की खरीदारी या बैंक से हाई वैल्यू निकासी, और उसके पास पैन न हो। फाइनेंस एक्ट 2019 के अनुसार, पैन की जगह आधार भी दिया जा सकता है।
जिन लोगों के लिए आयकर अधिनियम के तहत पैन देना जरूरी है और उनके पास पैन नहीं है तो वे अपने आधार की बायोमेट्रिक आईडी दे सकते हैं। नांगिया एंड कंपनी एलएलपी के पार्टनर शैलेष कुमार ने कहा अगर कोई ऐसे लेनदेन करने वाला व्यक्ति पैन का उल्लेख करता है तो कर प्राधिकरणों के लिए ऐसे लेनदेन को ट्रैक करना सरल हो जाएगा।